खांसी एक आम समस्या है जो किसी भी मौसम में आपको हो सकता है. ऐसे में हम आपको बताएंगे खांसी के घरेलु उपाय खाँसी को ठीक करने के लिये व्यक्ति आजकल अंग्रेजी सिरप ज्यादा पैमाने पर ले रहे हैं कई बार देखा गया है कि खांसी अपने आप ठीक हो जाती है तो कुछ मामलों में दवाओं का सहारा लेना जरूरी पड़ जाता है. कभी-कभी खांसी की समस्या इतनी बढ़ जाती है कि इसकी वजह से सीने और पसलियों में दर्द होना शुरु हो जाता है. इस ब्लॉग में हम आपको खाने से जुड़ी जानकारियों के बारे में बताएंगे
खांसी दो प्रकार के होते है। खांसी के घरेलू उपाय
1 =) बलगम वाली खांसी – अगर खांसी आने पर साथ में बलगम भी निकल रहा है तो इसे बलगम वाली खांसी या गीली खांसी कहा जाता है.
2 =) सुखी खांसी – सूखी खांसी की समस्या अक्सर रात को सोते वक्त बहुत बढ़ जाती है और इससे रातों की नींद हराम होने लगती है। खांसी की कई अंग्रेजी सिरप में ऐसे पदार्थ मिलाये जाते है जिससे नींद जल्दी आने लगती है और खांसी से आराम मिलने लगता है। बिना बलगम वाले खांसी को सुखी खांसी बोलते है।
वैसे तो बाजार में खांसी के लिए कई सारे कफ सिरप पाये जाते हैं परंतु ज्यादातर लोग आयुर्वेदिक कफ सिरप को ही लेना पसंद करते हैं.क्योकि आयुर्वेदिक कफ सिरप पीने से नींद नहीं आती है और इससे पुरानी से पुरानी खांसी भी जल्दी ठीक होने लग जाती है.
खांसी किन कारणों से होता है। खांसी के घरेलु उपाय
कभी कभी कुछ ज्यादा ठंडी चीजें जैसे कि आइसक्रीम खा लेने से या कोल्ड ड्रिंक पी लेने से होता है। इन सब से खांसी होना आम बात है. इसके अलावा जुकाम होने पर भी हो जाता है या गले में संक्रमण होने से भी खांसी की समस्या हो जाता है.
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खांसी से छुटकारा पाना है तो खांसी के घरेलू उपाय अपनाये
ज्यादातर लोग खांसी के घरेलू उपाय अपनाने के लिए व्याकुल रहते है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट भी कहते है कि खांसी के घरेलु उपाय को खांसी के लिए सही तरीके से अपनाया जाये, तो खांसी जल्दी ही ठीक होने लग जाती है. आइए जानते हैं कि खांसी होने पर किन किन चीजों का सेवन करें.
1. शहद) रात में सोने से पहले अगर आप एक चम्मच शहद का पी लेते है। तो सोते समय खांसी की मात्रा कम होने लग जाती है। आयुर्वेदानुसार शहद में कफ शामक गुण होते है जो की खांसी की मात्रा को कम करने मे सहायक करते है शहद सूखी खांसी और कफ वाली खांसी दोनों के इलाज में बहुत सहायक है.
2. मुलेठी) मुलेठी को आयुर्वेद में यष्टिमधु भी कहते है। जिसका काम कफ संबंधी रोगों को ठीक करना है। गले के स्वास्थ्य के लिए मुलेठी बेहद फायदेमंद साबित हुआ है. खांसी या गले में खराश हो मुलेठी का सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है. मुलेठी गले में ज्यादा बलगम बनने से रोकती है और इस तरह यह खांसी से छुटकारा भी दिलवाती है.
3. सोंठ) आयुर्वेदिक दवाओं में सोंठ का प्रयोग प्रमुखता से किया जाता है। ठंड लगने या जुखाम के कारण होने वाले खांसी को दूर करने में सोंठ बहुत उपयोगी साबित हुई है। सोंठ खांसी और गले के संक्रमण के इलाज में उपयोग की जाने वाली महत्तापूर्ण सामाग्री है
4. तुलसी) आयुर्वेद के अनुसार प्राचीन काल से ही खांसी के इलाज के लिए तुलसी का अत्यधिक प्रयोग किया जाता है. क्योकि माना जाता है कि तुलसी में एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-इनफ्लेमेटरी, एंटीटसिव और एंटी-एलर्जिक गुण होती हैं जो खांसी से जल्दी ही निजात दिलाती हैं. यही कारण है कि तुलसी का प्रयोग आयुर्वेदिक सिरप अधिकांश किया जाता है।
5. काली मिर्च) काली मिर्च मुह में रख कर चुसे तो गले की जलन से राहत दिलाती है। साथ ही अगर इसका सेवन शहद के साथ किया जाए तो खांसी से जल्दी आराम दिलाती है।
6. पिप्पली) पिप्पली की तासीर गर्म होती है। आयुर्वेदिक विशेसज्ञों के अनुसार, गला बैठने की समस्या से राहत दिलाने में यह बहुत असरदायक है। यह गले में मौजूद कफ को हटाने में भी अत्यन्त मददगार है.
खांसी के समय क्या खाये/क्या ना खाये
- ठंडी चीजो से परहेज करे
- लस्सी कोल्डड्रिंक छाछ ना पिये
- ज्यादा तेल मसाले वाले चीजो से परहेज करे
- गुनगुना पानी पिये गले मे राहत मिलेगी
- गरम चीजो का सेवन करे
- नमक वाले पानी से गरारा करे
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